एक पाती बेटी के नाम
जिस दिन तेरा जनम हुआ
जीवन की खुशियां बौरायीं
तन मन का आँगन पूर्ण हुआ
बगिया फूलों से मुस्काई
रुई से कोमल फाये को जब
हाथों से मैंने थामा
मेरे आँचल को पकड़ जकड
तू मंद मधुर मुस्काई
में सोच रही थी क्या उषाकाल की…