हमारी माँ – धरती

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सृष्टि का जबसे जन्म हुआ

तुम से मेरा सम्बन्ध हुआ

 

मैं तुम सबको जीवन देती

फल फूलों से झोली भर्ती

मुझ पर ही केवल जल मिलता

जिससे जीवन चलता रहता

 

सुन्दर झरने , बहती नदियां और ताल तल्लैया भरे हुए

सुंदरता मेरी बढ़ा रहे, फूलों से पौधे लदे हुए

भूख मिटाती , प्यास मिटाती, हर सुख सुविधा उपलब्ध कराती

तुम सबको सुख देने की खातिर में कष्ट अनेकों सेहती

तुमने भी मुझको मान दिया और नाम दिया धरती माता

माता सुनकर यूँ लगा मुझे, वरदान मिला हो एक प्यारा

 

धरती माता कहते हो

पर ध्यान कहाँ तुम रखते हो?

 

पेड़ों को दिन दिन काट रहे हो

सुंदरता मेरी छीन रहे हो

मेरी बेटियां नदियां रोती

हर दिन और प्रदूषित होती


 

खाकर हानिकारक चीज़ें तुम

सेहत से खिलवाड़ हो करते

मेरे दामन पर थूक थूक कर

गन्दा और दागदार तुम करते

आँचल मेरा किया है मैला

बदबूदार और मटमैला



 

पॉलिथीन मेरी दम घोंट रहा

जीवन मेरा छीन रहा

पर तुम करते मनमानी

बात किसी की न मानी

उर्वरा मेरी कम करके तुम

अन्न की भी करते हानि

हरी भरी मेरी गोद थी

सुख की निंदिया में सोती थी

पेड़ पेड़ की डाली डाली ने

जब गलबहियां मुझमे थी डाली

आँगन मेरा सज जाता था

खुशियों से घर भर जाता था

ऑक्सीजन की कमी नहीं थी

प्रदुषण की बात नहीं थी

 

अब में घूँट खून के पीती हूँ

और मौन सभी कुछ सहती हूँ

तुम सब मेरी आँख के तारे

सबसे न्यारे , सबसे प्यारे

निज स्वार्थ में डूब ये भूल गए

सुख सुविधाओं में झूल गए

परिवार हमारा बहुत बड़ा

नदियां , सागर, जंगल , पर्वत सब साथ जुड़ा

ये सब भी मेरे बच्चे हैं

लगते तुम जैसे अच्छे हैं

धीरे धीरे ये नष्ट हो रहे

और तुम पथ से भ्रष्ट हो रहे


आने वाले कुछ वर्षों में

जीवन मुश्किल हो जाएगा

पछताओगे , हाथ मलोगे

पर हाथ न कुछ भी आएगा

 

अब स्वच्छता अभियान चलाया है

सुनकर मेरा मन हर्षाया है

अब फिर अच्छे दिन आएंगे

मुझ पर से बोझ हटाएंगे

अब सांस भरूँगी उमंग भरी

आशाओं से में लदी फदी

जब जागो तभी सवेरा है

आशीष तुम्हे सदा मेरा है

तुम फूलो फलो विकास करो

पर अपनी मां धरती का ध्यान धरो

 

 

 

 

 

 

 

 

1 Comment
  1. Nitya Chawla says

    Beautifully penned ?

Reply To Nitya Chawla
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