है तुझपर गुरूर
है तुझपर गुरूर इतना, जितना खुद पर ऐतबार नहीं
तेरे ज़िक्र के बिना, आगाज़ नहीं- अंत नहीं
हो जाऊं गुम तेरी इबादत में, ऐसा सुकून दे मुझे
ऐ मौला अपनी रहमत का, थोड़ा अंश दे मुझे
ना कोई है, ना कोई था- तेरे सिवा मेरा…