भूली बिसरी यादें

बहन और भाई का प्यार, होता है बहुत खास,

एक दूसरे से झगड़ना, मारना ये तो है आम बात।

 

आज दूर हैं तो क्या, प्यार कभी ना होता कम,

हर दिन भगवान को देते धन्यवाद हम।

 

हमारी सफलता पर जो हो जाते हमसे भी ज्यादा खुश,

और असफलता के समय बाँट लेते हैं  हमारे सभी दुख।

 

बडी बहनें हमेशा मा बाप की डांट-मार से हैं बचाती,

औ’ गर छोटी हो तो, हमारे पीछे छुपने वाली हैं होती।

 

भाई भी कम नहीं, समस्या बहन की देखकर,

तोड़ने को तैयार दुनिया के रस्मो रिवाज पलभर में।


 

अटूट है ये कैसा बंधन, ये कैसा रिश्ता,

पर चटक ना जाये ये बंधन मन में है कुछ रिसता।

 

बहनों की खुशियों का जोरदार राज हो,

भाई तुम तो लायक, पहनने वाले ताज हो।

 

वादा करती हूँ, मैं भी भाई, तुम्हे ना करूंगी निराश,

तुम सदा सलामत रहो, ईश्वर से यही है एक आस।

 

आती रहूँगी राखी पर, बांधने प्यार का धागा खास,

वादा टूट भी जाये, तो समझना किया था बहुत प्रयास।


पर नहीं

जिसकी महक बसी है रग रग में, तस्वीर कन कन मे,

अब तो हो चुकी कैद ये तस्वीर एक बहन/भाई की उसकी बहन में।।

 

 

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